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आलसी गधा कहानी

गुलाबचंद एक बड़े ही आलसी गधा था। वह हमेशा सिर्फ सोने और खाने-पीने में ही वक्त बर्बाद करता रहता था। उसके दोस्त इसे चिंतित करने के लिए कई बार कोशिश किए, लेकिन गुलाबचंद अपनी आलसी आदतों से बदला नहीं।एक दिन, गुलाबचंद के दोस्तों ने उसे एक जादू के बोतल के बारे में बताया जिसमें एक जादू था जो उसकी आलसी आदतों को बदल सकता था। गुलाबचंद बोतल को खरीद लिया और जब उसने जादू की बोतल खोली, वह एक आकारशक्ति के साथ सामना कर गया।आकारशक्ति ने गुलाबचंद से कहा, "तू जो चाहता है, वह हो सकता है, लेकिन उसके लिए तूकड़ा कुछ करना होगा।" गुलाबचंद ने अकेले काम करने की आदत बदली और कठिनाइयों का सामना करने लगा।धीरे-धीरे, उसने नई कौशल सीखे और अपनी आलसी आदतों को छोड़ दिया। गुलाबचंद की कहानी सबको यह सिख
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महात्मा गांधी की कहानी

वीरता एक योद्धा की कहानी को कई रूपों में दिखाया जा सकता है, लेकिन मुख्य तौर पर वीरता कहानी वीरता नामक एक महान योद्धा की जीवनी पर आधारित होती है। वीरता की कहानी में वह योद्धा दिखाया जाता है जो नेतृत्व, साहस, और न्याय के प्रतीक के रूप में प्रसिद्ध होता है।वीरता की कहानी उसके जीवन के सफलतापूर्ण संघर्षों, युद्धों, और यात्रा का परिचय देती है, जिसमें वह अपने दोस्तों और साथीयों के साथ दुश्मनों के खिलाफ खड़ा होता है। वीरता की कई आद्भुत कथाएँ और क्रियाएँ होती हैं जो उसके वीरता और धैर्य की प्रशंसा करती हैं।वीरता की कहानी भारतीय महाकाव्य और लोककथाओं में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और योद्धा और धर्म के मूल्यों को प्रमोट करने का सन्देश देती है।

वीरता की कहानी

वीरता एक योद्धा की कहानी को कई रूपों में दिखाया जा सकता है, लेकिन मुख्य तौर पर वीरता कहानी वीरता नामक एक महान योद्धा की जीवनी पर आधारित होती है। वीरता की कहानी में वह योद्धा दिखाया जाता है जो नेतृत्व, साहस, और न्याय के प्रतीक के रूप में प्रसिद्ध होता है।वीरता की कहानी उसके जीवन के सफलतापूर्ण संघर्षों, युद्धों, और यात्रा का परिचय देती है, जिसमें वह अपने दोस्तों और साथीयों के साथ दुश्मनों के खिलाफ खड़ा होता है। वीरता की कई आद्भुत कथाएँ और क्रियाएँ होती हैं जो उसके वीरता और धैर्य की प्रशंसा करती हैं।वीरता की कहानी भारतीय महाकाव्य और लोककथाओं में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और योद्धा और धर्म के मूल्यों को प्रमोट करने का सन्देश देती है।

सास बहू की कहानी

एक बार की बात है, एक गांव में एक आदमी अपने सच्चे दोस्त से मिलकर अपनी खुशियों और दुखों के बारे में बात कर रहा था। उसने अपने दोस्त से कहा कि वह अपने सभी सच्चे दोस्तों के साथ बहुत धन कमा चुका है, और उनकी जिंदगी खुशियों से भरपूर है।उसका दोस्त यह सुनकर थोड़ा चौंक गया और उससे पूछा, "क्या तुम सचमुच अपने सबसे सच्चे दोस्तों के साथ हो?"आदमी ने सच्चाई से जवाब दिया, "नहीं, मैं धन कमाने के लिए कभी अपने सच्चे दोस्तों के साथ नहीं था। मैंने उन्हें केवल अपनी व्यक्तिगत लाभ के लिए उपयोग किया।"उसके दोस्त ने कहा, "तो तुम सच्चे दोस्त नहीं हो, और तुमने सच्चाई को छोड़ दिया है। इससे जो कुछ भी तुमने कमाया है, वह सच्चाई का फल नहीं है।"इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि सच्चाई को हमेशा महत्व देना चाहिए, और हमारे कर्मों का फल भी सच्चाई और ईमानदारी से जुड़ा होता है।

गुरु चेले की कहानी

एक बार की बात है, एक गांव में एक आदमी अपने सच्चे दोस्त से मिलकर अपनी खुशियों और दुखों के बारे में बात कर रहा था। उसने अपने दोस्त से कहा कि वह अपने सभी सच्चे दोस्तों के साथ बहुत धन कमा चुका है, और उनकी जिंदगी खुशियों से भरपूर है।उसका दोस्त यह सुनकर थोड़ा चौंक गया और उससे पूछा, "क्या तुम सचमुच अपने सबसे सच्चे दोस्तों के साथ हो?"आदमी ने सच्चाई से जवाब दिया, "नहीं, मैं धन कमाने के लिए कभी अपने सच्चे दोस्तों के साथ नहीं था। मैंने उन्हें केवल अपनी व्यक्तिगत लाभ के लिए उपयोग किया।"उसके दोस्त ने कहा, "तो तुम सच्चे दोस्त नहीं हो, और तुमने सच्चाई को छोड़ दिया है। इससे जो कुछ भी तुमने कमाया है, वह सच्चाई का फल नहीं है।"इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि सच्चाई को हमेशा महत्व देना चाहिए, और हमारे कर्मों का फल भी सच्चाई और ईमानदारी से जुड़ा होता है।

सच्चाई का फल कहानी

एक बार की बात है, एक गांव में एक आदमी अपने सच्चे दोस्त से मिलकर अपनी खुशियों और दुखों के बारे में बात कर रहा था। उसने अपने दोस्त से कहा कि वह अपने सभी सच्चे दोस्तों के साथ बहुत धन कमा चुका है, और उनकी जिंदगी खुशियों से भरपूर है।उसका दोस्त यह सुनकर थोड़ा चौंक गया और उससे पूछा, "क्या तुम सचमुच अपने सबसे सच्चे दोस्तों के साथ हो?"आदमी ने सच्चाई से जवाब दिया, "नहीं, मैं धन कमाने के लिए कभी अपने सच्चे दोस्तों के साथ नहीं था। मैंने उन्हें केवल अपनी व्यक्तिगत लाभ के लिए उपयोग किया।"उसके दोस्त ने कहा, "तो तुम सच्चे दोस्त नहीं हो, और तुमने सच्चाई को छोड़ दिया है। इससे जो कुछ भी तुमने कमाया है, वह सच्चाई का फल नहीं है।"इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि सच्चाई को हमेशा महत्व देना चाहिए, और हमारे कर्मों का फल भी सच्चाई और ईमानदारी से जुड़ा होता है।

छोटे जादूगर की कहानी

यह कहानी छोटे जादूगर रजू की है, जो एक छोटे से गांव में रहता था। रजू की बड़ी इच्छा थी कि वह एक जादूगर बने।एक दिन, रजू गांव के मंदिर के पुजारी से मिलने गया और उससे जादू सीखने की इच्छा जताई। पुजारी ने रजू की इच्छा को सुना और उसे बताया कि जादू सीखने के लिए सबसे पहले तपस्या और समर्पण की आवश्यकता होती है।रजू ने इस सलाह का पालन किया और पुजारी के पास जादू सीखने के लिए गुरु के रूप में शिक्षा प्राप्त की। वह दिन-रात में मन्त्र जपकर और विशेष व्रतों के साथ जादू की कला सीखता रहा।अनेक सालों के मेहनत के बाद, रजू एक अद्वितीय जादूगर बन गया। वह गांव में लोगों की मदद करने के लिए अपनी जादू कला का उपयोग करता था।रजू की कहानी हमें यह सिखाती है कि किसी भी क्षेत्र में माहिर बनने के लिए मेहनत, समर्पण, और संघर्ष की आवश्यकता होती है। छोटे से गांव से बड़ा सपना देखने वाले रजू ने अपने सपनों को पूरा किया और जादूगर बनकर लोगों की मदद की।